आभानेरी की कला, संस्कृति और प्राचीन धरोहरों का प्रतीक है आभानेरी महोत्सव

आभानेरी महोत्सव एक वार्षिक महोत्सव है जो राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा सालाना आयोजित किया जाता है। इस त्योहार का मुख्य उद्देश्य आभानेरी की कला, संस्कृति और प्राचीन धरोहरों को प्रोत्साहन देना है। दो दिवसीय उत्सव का आयोजन इस बार 27 से 28 सितम्बर तक होने जा रहा है। आभानेरी राजधानी जयपुर से करीब 90 किमी. दूर दौसा जिले की बांदीकुई तहसील में स्थित है। आभानेरी का पहले नाम आभा नगरी था, जिसका मतलब है – चमकता हुआ शहर। यह स्थल राजस्थान के यशस्वी एवं गौरवशाली अतीत का जीता जागता उदाहरण है। आभानेरी महोत्सव की शुरुआत राजस्थान पर्यटन विभाग ने 2008 में की थी। इस महोत्सव में कई तरह की पारंपरिक रंगारंग प्रस्तृतियां जैसे नुक्कड़ नाटक, पद दंगल, मयूर डांस, चकरी नृत्य, घूमर, कालबेलिया, नृत्य, भवाई नृत्य, कच्ची घोड़ी नृत्य, रास लीला, लोक संगीत, आर्ट एंड क्रॉफ्ट प्रदर्शनी के साथ कैमल सफारी का लुफ्त भी उठाया जा सकता है।  वैसे आभानेरी अपनी विश्व विख्यात चांद बावड़ी के लिए जाना जाता है। यह प्रदेश की सबसे बड़ी और देश की सबसे सुंदर, प्राचीन एवं गहरी बावड़ी है। अनूठी स्थापत्य शैली का नमुना चांद बावड़ी 13 मंजिला स्टेप वेल 3500 सीढ़ियों की एक भूल भुलैया है जहां एक सीढ़ियों से उतरकर, उन्हीं सीढ़ियों से वापसी नामुमकिन है। इस बावड़ी के जर्जर रूप को देखकर भी इसकी भव्यता और सुंदरता का अंदाजा लगाया जा सकता है।  पास ही स्थित है मां दुर्गा को समर्पित हर्षत माता का प्राचीन मन्दिर, जिसे खुशी और उल्लास का मन्दिर कहा जाता है। मंदिर के चारों ओर देवी देवताओं की महीन नक्काशी वाली प्रतिमाएं उकेरी गयीं है। आभानेरी कैसे पहुंचे आभानेरी जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर दौसा से 35 किमी. दूर है। यहां आप परिवहन के तीनों साधनों का इस्तेमाल कर पहुंच सकते हैं। यहां का नजदीकी हवाई अड्डा जयपुर एयरपोर्ट है। रेल मार्ग के लिए आप दौसा रेलवे स्टेशन पहुंचकर निजी या परिवहन बसों से जरिए आभानेरी पहुंच सकते हैं।

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