राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर्यावरण संरक्षण, वनीकरण और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले ले रहे हैं। उनकी संवेदनशीलता और दूरदर्शी नीतियों में न केवल पर्यावरण की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की बात है, बल्कि वह राज्य के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देने वाली साबित होंगी। इस बाबत राज्य स्तरीय विश्व पर्यावरण दिवस समारोह में सीएम शर्मा ने कई ज़रूरी घोषणाएं की हैं।
प्रदेश की भजन लाल सरकार प्रदेश में ‘ मुख्यमंत्री वृक्षारोपण महाभियान’ की शुरूआत करने जा रही है। इस अभियान के तहत 7 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इससे राज्य में पर्यावरण संरक्षण के कार्यों को एक नई गति मिलेगी। साथ ही सरकार जल स्वाबलंबन अभियान 2.0 को भी बढ़ावा दे रही है। राज्य में जल संग्रहण और जल संचयन के विभिन्न तरीकों को अपनाने पर बल दिया जा रहा है। पारंपरिक जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने, नई जलसंरक्षण संरचनाओं का निर्माण करने और जनभागीदारी से जल संरक्षण के प्रयासों को सशक्त बनाया गया है।
मुख्यमंत्री का फोकस प्रदूषण कंट्रोल पर भी है, राजधानी में इसे लेकर वेदर ऐंड पॉल्यूशन फॉरकास्टिंग सिस्टम शुरू किया गया है, वहीं जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा जैसे बड़े शहरों के लिए 500 इलेक्ट्रिक बस उपलब्ध करवाई जा रही है। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान को अग्रणी बनाने को लेकर भी मुख्यमंत्री मुस्तैद हैं। उन्होंने प्रदेश में बिजली उत्पादन की विभिन्न परियोजनाओं सहित ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिए सोलर ऊर्जा में निवेश और समझौतों को प्राथमिकता दी है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की संवेदनशीलता पर्यावरण के प्रति उनके दृष्टिकोण में स्पष्ट रूप से झलकती है। गर्मी के मौसम में पक्षियों के लिए परिंडे लगाने की बात हो या पर्यावरण दिवस पर वन का महत्व बताने के अभियान, वह खुद इन कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाते हैं और लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करते हैं। उनके द्वारा किए गए ये प्रयास न केवल पर्यावरण को संरक्षित करने में सहायक हैं, बल्कि लोगों के बीच पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता और जिम्मेदारी की भावना को भी जागरूक कर रहे हैं।