भजनलाल शर्मा को राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की शपथ लिये अभी करीब 4 माह हुए हैं और इस दौरान उन्होंने एक से बढ़कर एक जनकल्याण के फैसले लिए है जो पूर्व के मुख्यमंत्री नहीं कर सके। उन्होंने न केवल पानी के लिए दो बड़े समझौतों को अंतिम रूप दिया है बल्कि उन्होंने पेपर लीक, महिला सुरक्षा और ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश को अग्रणी राज्य बनाने के फैसले भी लिए हैं। जो साबित करते हैं कि वर्तमान में निर्णय लेने में और उन्हें धरातल पर उतारने में मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के मुकाबले देश में कोई शक्तिशाली मुख्यमंत्री नहीं है। उन्होंने दृढ़ इच्छाशक्ति, दूरदर्शिता और कुशल नेतृत्व के बल पर राज्य को विकास की राह पर अग्रसर किया है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अपनी मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति और प्रभावशाली व्यक्तित्व के बल पर राष्ट्रीय राजनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यही काम कर रहे हैं। जिन्होंने सत्ता संभालने के मात्र तीन महीनों के भीतर अपनी छवि देश के शक्तिशाली मुख्यमंत्री के तौर पर स्थापित की है। उन्होंने राज्य की बागडोर संभालते ही कुछ ऐसे अप्रत्याशित कार्य कर दिखाए जो राजनीति के बड़े—बड़े अनुभवी नेता नहीं कर पाए।
जल समझौते को लेकर किसानों का पक्ष मजबूती से रखने में माहिर
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने की कोशिशें वर्षों से चल रही थी जिसे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पडौसी राज्यों के साथ पुराने मतभेद मिटाए और उन्होंने ईआरसीपी को भागीरथ बनकर धऱातल पर उतारने का काम किया। श्री शर्मा के प्रयासों से केंद्र सरकार व मध्यप्रदेश सरकार के साथ राजस्थान सरकार ने ईआरसीपी एमओयू पर हस्ताक्षर किये। इसके अतिरिक्त केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय-हरियाणा-राजस्थान में ताजेवाला हेड वर्क्स से राज्य के तीन जिलों को यमुना का पानी दिलाने को लेकर भी समझौता मुख्यमंत्री के नेतृत्व में ही संभव हो पाया।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा उठाए गए निर्णायक कदम
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने शक्तिशाली प्रयासों से करीब 4 माह के कार्यकाल में प्रशासनिक तंत्र में सुधार लाकर भ्रष्टाचार को मिटाने का प्रयास किया। साथ ही, उन्होंने युवाओं के भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ और महिला सुरक्षा को लेकर कड़े फैसले लिए हैं। उन्होंने कानून व्यवस्था को मजबूत बनाकर राज्य में सुरक्षा का माहौल भी स्थापित किया है। शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुधार लाकर राज्य के लोगों की जीवनशैली को बेहतर बनाने के लक्ष्य के तहत उन्होंने पेपरलीक, महिला सुरक्षा जैसे जवलंत मुद्दों पर कड़ा एक्शन प्लान तैयार किया। पेपरलीक पर एसआईटी गठन के साथ ही एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स जैसे निर्णय लागू होते ही प्रदेश में माफियाओं का सफाया होता देखा गया।
इतना ही नहीं चुनाव के दौरान जनता से किये गए वादों को पूरा करने में भी मुख्यमंत्री पीछे नहीं रहे। उन्होंने प्रधानमंत्री उज्जवला योजना एवं चयनित बीपीएल परिवारों को मात्र 450 रूपए में गैस सिलेंडर दिया तो वहीं मासिक सुरक्षा पेंशन को 1 हजार रुपए से बढ़ाकर 1150 रुपए करने का निर्णय लिया। जनता की सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी अन्नपूर्णा रसोई और आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा जैसी योजनाओं को भी पहले से अधिक मज़बूती दी।
सीएम भजनलाल शर्मा ने ही गत सरकार द्वारा बन्द की गई सीबीआई की सामान्य सहमति को बहाल किया। उन्होंने निवेशकों को आकर्षित करने और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए भी कई कदम उठाए। सोलर ऊर्जा के निवेश के लिए समझौते हों या नई भर्तियां मुख्यमंत्री ने बुनियादी ढांचे के विकास और आर्थिक विकास के लिए कई पहलों का शुभारंभ किया है। वास्तव में वह एक ऐसे शक्तिशाली मुख्यमंत्री बनकर उभरे हैं जो अपनी लगन, मेहनत और समर्पण से न केवल राज्य के लोगों के लिए बल्कि समपूर्ण राष्ट्र के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं।